स्वदेश वापसी /दुबई से दिल्ली-'वन्दे भारत मिशन' Repatriation Flight from UAE to India

'वन्दे भारत मिशन' के तहत  स्वदेश  वापसी   Covid 19 के कारण असामान्य परिस्थितियाँ/दुबई से दिल्ली-Evacuation Flight Air India मई ,...

January 30, 2009

'बेनाम ग़ज़ल और एक गीत'


'बरसों बाद खुल के बरसा था बादल उस रोज...सुबह ,घर की छत से आसमान की यह तस्वीर ली थी..सूरज भी कुनमुना रहा था...बादलों के पीछे छुपा हुआ!'

बेनाम ग़ज़ल

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है चाहत, बस, लिखता है ,
घुटता ,बेनाम मिटता है.

दर्द की इंतिहा हुई जब,
हर ज़र्रा खुदा दिखता है .

खुली आँखें,खामोश जुबान ,
जी! इन्साफ यहाँ बिकता है.

भीड़ में लगता 'अपना सा',
रोज़ आईने में मिलता है.

जागती आंखों से सोने वालों ,
ख्वाब, छत से भी गिरता है.
---अल्पना वर्मा द्वारा लिखित --

३१-१-२००९ को प्रसिद्ध गज़लकार आदरणीय श्री 'चन्द्रभान भरद्वाज जी 'ने मेरी इस ग़ज़ल को ग़ज़ल व्याकरण के अनुसार ,सुधार कर यह रूप दिया है और इस के लिए उन्हें धन्यवाद .मैं उन की आभारी हूँ.2222 222 पूरी गज़ल को इसी अरकान में बांधा है ।

है चाहत बस लिखता है;

बेदम घुटता मिटता है।

दर्द चरम पर पहुँचा तो,

स्वयं खुदा सा दिखता है।

आंख खुलीं खामोश ज़ुबां,

न्याय यहाँ पर बिकता है।

भीड़ में लगता अपना सा,

आईने में मिलता है।

खोल आंख सोने वालो,

छत से भी ख्वाब उतरता है।



अपना गाया Karaoke ]एक गीत भी सुनाती चलूँ---'चोरी चोरी जब नज़रें मिलीं'...फ़िल्म-'करीब' ]

January 23, 2009

दो त्रिवेणियाँ



हर दिन तलाशती हूँ जीवन -परिभाषा के शब्द ,

मेरा शब्द कोष अधूरा है या तलाशना नही आता ?



वह परिभाषा जो तुमने ही तो बतलायी थी मुझे.


टूट कर जुड़ती रही नीर भरी गगरी,


रिसता रहता है खारा पानी ,

फिर भी छलका जाते हो 'तुम ' आते -जाते!
[अल्पना वर्मा द्वारा लिखित]

January 16, 2009

कुछ दुर्लभ फिल्मी गीत





कुछ दुर्लभ फिल्मी गीत

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कविताओं,लेख से हटकर मैं ने सोचा कि आज कुछ अलग पोस्ट किया जाए.
आज यहाँ कुछ ऐसे मूल गीत प्रस्तुत कर रही हूँ जो हिन्दी सिनेमा के दुर्लभ गीत हैं.शायद आप में से बहुतों ने पहले कभी नहीं सुने होंगे.न इन गीतों में आज की आधुनिक तकनीक का इस्तमाल है न ही आवाज़ में प्रभाव [effects] डाले गए हैं.एक ही बैठक में रिकॉर्ड किये गए.न की आज की तरह टुकडों में रिकॉर्डिंग हुई है.अर्थ यह है कि-शुद्ध गीत-संगीत .मैं ने भी यहाँ -वहां से एकत्र किए हैं.मुझे जितनी जानकारी मिल पाई ,मैं ने यहाँ देने की कोशिश की है.इस के अलावा भी अगर किसी के पास इन गीतों से सम्बंधित कोई जानकारी हो या संशोधन करना हो तो कृपया बताईयेगा.अगर इन गीतों को यहाँ प्रस्तुत करने में किसी copyrights का उल्लंघन हो रहा हो तो सूचित करें-गीत हटा दिए जायेंगे.यह सिर्फ़ पुराने गीतों के बारे में जानकारी हेतु पोस्ट किये जा रहे हैं.



यह गीत लता जी का पहला प्लेबैक गीत बताया जाता है.फ़िल्म के बारे में नहीं मालूम DownloadHere


रफी का पहला रिकॉर्ड किया गया गाना.'अजी दिल हो काबू में तो' -फ़िल्म-गाँव की गोरी -१९४५][रफी साहब इस गीत को अपना पहला हिन्दी फ़िल्म गीत मानते थे.-[साभार-विकिपीडिया ] . DownloadHere



मोहम्मद रफी का पहला रिलीज़ हुआगीत फ़िल्म-'पहले आप'संगीतकार-नौशाद .DownloadHere


मोहम्मद रफी का अंग्रेजी में गाया यह पहला गीत था-Play or DownloadHere
'बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है '--इसी धुन पर बना है.
किशोर १९४८[download Here] किशोर कुमार ने १९ साल की उम्र में यह गीत १९४८ में फ़िल्म-'प्यार' के लिए गाया था.राज कपूर पर फिल्माया राज कपूर के लिए यह उनका पहला औरआखिरी गीत था.


1930-गोरी गोरी बईयां -मास्टर मदन[download] १९३० में मास्टर मदन का गाया एक गीत.film-??मास्टर मदन एक ऐसा बालक था जिसे संगीत वरदान के रूप में मिला था.बचपन से ही इन की गायकी के सब कायल थे.मात्र ३ साल की आयु में फ़िल्म [?]के लिए रिकॉर्ड किया गया यह गीत सुनिए.मास्टर मोहन के छोटे भाई की असामयिक मृत्यु १४ साल की आयु में ही हो गई थी.मास्टर मदन के ८ गीत ही रेकॉर्डेड हैं.

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चल उड़ जा रे पंछी -तलत[download] -'भाभी' फ़िल्म का यह गीत रफी साहब की आवाज़ में सब ने सुना है.लेकिन इस गीत को HMV ने तलत महमूद की आवाज़ में भी रिकॉर्ड किया था.


१९३४ में शांता आप्टे का गाया हुआ यह गीत-'कमसिनी मैं'फ़िल्म-अमृतमंथन-'यहाँ सुनिए या डाउनलोड करीए.

All the songs and pictures are copyrighted by their respective owners.

January 9, 2009

चार हाइकु कविताएँ

चार हाइकु कविताएँ
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अभी हाल ही में हाइकु के बारे में लावण्या जी ने अपने ब्लॉग में जानकारी दी थी.
जैसा कि आप सभी जानते हैं :-



  • हिन्दी साहित्य में कविता की यह सब से नयी विधा है.

  • जापानी साहित्य में यह कविता की मुख्य विधा है.

  • महान भारतीय कवि श्री रविन्द्र नाथ टैगोर जी ने अपनी किताब 'जापान यात्रा 'में कुछ जापानी हाइकु का बंगला अनुवाद भी किया है.

  • हाइकु हिन्दी में १७ अक्षरों में लिखी जानेवाली सब से छोटी कविता है.

  • तीन पंक्तियों में पहली और तीसरी पंक्ति में ५ अक्षर और दूसरी पंक्ति में ७ अक्षर होने चाहिये.

  • संयुक्त अक्षर ex:-प्र. क्र , क्त ,द्ध आदि को एक अक्षर/वर्ण गिना जाता है.

  • शर्त यह भी है कि तीनो पंक्तियाँ अपने आप में पूर्ण हों.[न की एक ही पंक्ति को तीन वाक्यों में तोड़ कर लिख दिया.]

  • हाइकु कविता ' क्षणिका' नहीं कहलाती क्यूंकि क्षणिका लिखने में ये शर्तें नहीं होतीं.

  • और अधिक जानकारी आप यहाँ से [hindi mein]भी ले सकतेहैं.- [english]-http://en.wikipedia.org/wiki/Haiku

  • १७ अक्षरों में बहुत कह जाना हाइकु हिन्दी कविता की ख़ास बात है
    **चार अलग अलग भाव अभिव्यक्ति लिए हुए अपने लिखे हिन्दी हाइकु यहाँ प्रस्तुत कर रही हूँ आशा है ,आप को पसंद आयेंगे.

    उदासी


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    वो संग दिल,
    बहुत है खामोशी,

    बहते आंसू .

    ['संग' [उर्दू में ]का अर्थ पत्थर है. ]







    प्रेम
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    नैनों की बातें,
    कंपकंपाता मन ,
    हुआ मिलन.

    स्वागत

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    महकी हवा,
    आँगन कागा बोले
    आया पाहुन.

    ['पाहुन' का अर्थ है--मेहमान ]





    दुखांत
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    गिरता पारा,
    अधढका बदन ,
    सुबह मौन!



    ['मौन 'शब्द का प्रयोग यहाँ मृत्यु के लिए किया गया है.]




    - अल्पना वर्मा द्वारा लिखित,जनवरी २००९.]